एके रॉय : दुनिया में रहे, दुनिया के तलबगार नहीं
पैसों से सत्ता और सत्ता से पैसा वाली मौजूदा सियासत में राजनीति के इकलौते संत कामरेड एके रॉय नहीं रहे। […]
पैसों से सत्ता और सत्ता से पैसा वाली मौजूदा सियासत में राजनीति के इकलौते संत कामरेड एके रॉय नहीं रहे। […]
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बेकारी, गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, किसानों की आत्महत्या, दलित, आदिवासी व मुसलमानों पर लगातार हो रही
बीजेपी के घोषणापत्र में सरकारी नौकरियों पर एक शब्द नहीं है। तब भी नहीं जब कांग्रेस और सपा ने एक
2017-18 के लिए नेशनल सैंपल सर्वे आफिस की तरफ से कराये जाने वाले श्रम शक्ति सर्वे के नतीजों को सरकार
वारिस शाह से आज वारिस शाह से कहती हूं- अपनी क़ब्र से बोलो ! और इश्क़ की किताब का कोई